चिलचिलाती गर्मी की वजह से मैदानी इलाकों में हाल-बेहाल है. तेज धूप जैसे शरीर को झुलसा रही है. घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. भारत का लगभग आधा हिस्सा तेज गर्मी की वजह से बेहाल हो रहा है तो वहीं एक जगह ऐसी है जहां का पारा इस दौरान भी माइनस 5 डिग्री तक रहता है. लोग गर्मियों में ठंडक की तलाश में पहाड़ों की ट्रिप प्लान करते हैं, लेकिन दिन के समय पर्वतीय इलाकों में भी तेज धूप होती है. फिलहाल हम बताने जा रहे हैं हिमाचल के एक ऐसे गांव के बारे में जो जून में भी बिल्कुल जनवरी जैसा ठंडा है और आपको मैदानी इलाकों के झुलसाने वाली गर्मी में से यहां आकर लगेगा मानों दूसरी दुनिया में आ गए हो. यहां पर आपको सर्दियों की तरह दो-तीन लेयर कपड़े पहनने होंगे.
शरीर को झुलसा देने वाली तेज धूप और उमस की वजह से हाल बेहाल हो गया है और खासतौर पर उन शहरों में तो हाल बुरा है, जहां पर ज्यादा फैक्ट्रियां और ट्रांसपोर्ट बहुत ज्यादा है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के शिमला-मनाली पॉपुलर टूरिस्ट प्लेस में से एक हैं और गर्मी के अलावा बर्फबारी के दौरान पीक सीजन होता है यहां पर पर्यटकों के पहुंचने का. इस वजह से भीड़ काफी होती है और दिन के वक्त तो आपको यहां पर भी धूप मिलेगी. चलिए जान लेते हैं उस गांव के बारे में जहां लोग जून भी सर्दियों के कपड़े पहनते हैं, क्योंकि बहुत सर्दी होती है.
क्या है हिमाचल के इस गांव का नाम?
हिमाचल के इस छोटे से गांव का नाम है खंगसर…ये एक छोटा सा गांव है जहां पर लोग जून के महीने में भी सर्दियों के कपड़े पहनकर रहते हैं. आप अगर भीषण गर्मी में सर्द जगह की तलाश में हैं तो यहां घूमने आएं. यहां की नेचुरल ब्यूटी के साथ ही लोकल लाइफ भी आपको खूब पसंद आएगी.
सादगी से भरी जिंदगी
शहर की भीड़, चकाचौंध के बीच रहते-रहते अगर बहुत ज्यादा घुटन महसूस होने लगी हो तो भी आपको हिमाचल के खंगसर गांव को विजिट करना चाहिए. लोग यहां पर बहुत ही सादगी भरी जिंदगी बिताते हैं. यहां इतनी ही खेती की जाती है, जितनी की जरूरत हो. इसके अलावा लोग विदेशी सब्जियों की खेती करते हैं, जैसे ब्रोकोली, जुकीनी, एस्पेरेगस, आइसबग,. इसके लिए लोग छोटे-छोटे ग्रीन हाउस बनाते हैं.
नेचुरल ब्यूटी जैसे सपना देख रहे हो
यहां पर आपको शहर की आधुनिक जिंदगी जैसे तेज नेटवर्क, ऑनलाइन ऑर्डर से शॉपिंग और खाना जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगे, लेकिन नेचुरल ब्यूटी ऐसी है कि जैसे कोई सपना देख रहे हो. यहां पर बहुत ज्यादा घनी हरियाली होने के साथ ही चारों तरफ विशाल पहाड़ हैं जिनपर आपको बर्फ का चादर दिखेगी. साथ ही अक्सर आपको यहां पर ग्लेशियर टूटकर गिरते दिख जाएंगे.
कैसे पहुंचेंगे आप इस गांव में?
ये गांव अटल टनल से आठ किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है और आप यहीं से होकर खंगसर में पहुंच सकते हैं. जब ये टनल नहीं बनी थी तो यहां पर पहुंचना बहुत कठिन था, क्योंकि रोहतांग दर्रे से होकर जाना पड़ता था और यही वजह है कि इस गांव में आपको काफी शांति और सुकून मिलेगा.